Thursday, July 16, 2020

उत्तर प्रदेश ने घटाया ३०% सिलेबस , विध्यार्थियों को राहत ?


महोदय ने ३०% सिलेबस कम कर दिया और शिक्षा से पल्ला झाड लिया  अद्भुत पराक्रम दिखाया गया है  ऐसे निर्णय लेना कदाचित असहज होता है लेकिन सरकार है जनसेवा के लिए खुद की आहुति दे ही देती है   आखिर शिक्षा भी तो देश की जरूरी वस्तु(commodity,product) है 

लोकतंत्र में कुछ सवाल तो उठते ही रहते हैं लेकिन हम मजबूत हैं इन सवालों को कुचल देंगे 

१) क्या सरकार को पता है के कितने प्रतिशत अधियापक ऑनलाइन शिक्षा देने में सक्षम हैं ?

२) क्या सरकार को पता है के कितने प्रतिशत विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा लेने में सक्षम हैं ?

३) क्या सरकार जानती है के कितने प्रतिशत विद्यार्थी के पास ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने के उपकरण उपलब्ध हैं ?

४) क्या सरकार को पता है कितने प्रतिशत विद्यार्थी इन्टरनेट की शुल्क देने में सक्षम हैं ?

५) क्या सरकार उत्तर प्रदेश के सभी विद्यार्थी को मुफ्त इन्टरनेट व् उपकरण उपलब्ध कराने के लिए कोई ढांचा तैयार करेगी?

इस ऑनलाइन शिक्षा की ओर सरकार का कदम खोखला प्रतीत होता है 
अत: सरकार ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से टेलिकॉम कंपनी को पैसों से लबालब भरने का काम करेगी 
शिक्षा में ये भी एक प्रकार का निजीकरण है  
विद्यार्थी कॉलेज की फीस तथा इन्टरनेट शुल्क दोनों को वेहन करेगा 
सीधे तौर पर समानता तथा शिक्षा का मूलाधिकार का हनन है 

क्या देश के १०% लोगों को ही शिक्षा मिलेगी जो अति गरीब परिवार हैं उन्हें शिक्षा लेने का कोई अधिकार नहीं ?

शिक्षा में निजीकरण का बायकाट (Boycott) होना चाहिए 

#BoycottPPP   _______                Public Private Partnership is not good in education
#शिक्षाकानिजीकरणसहीनहीं 

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